Life is all about ups and down…It is not always bright as a day, sometimes we get even shades of darkness… sometimes we blossom and other days we might be struggling for existence…but thats what we call life….remember ‘whatever doesnt kill ‘you’ is what that makes you stronger!
Author- Prabha Jain ‘Shree’

धूप -छाँव
कभी मौन रहती
कभी बोल जाती
कभी अभिव्यक्ति का ईशारा करती
कभी गहराई में जा राज बताती
यह जिंदगी हैं
धूप -छाँव का खेल दिखाती

दिन एक शब्द हैं जिसमें कैद हैं जिंदगी
झरने से बहती कल -कल
धूप -छाँव हैं
यह धूप -छाँव ही हैं
कभी बाग़ हैं , कभी हैं चमन
कभी उजड़ा पतझर हैं

छोड़ जाए साथी -साथ
हर लम्हा जीती मैं
क्यूँकी मेरे साथ हैं जिंदगी और उसकी धूप छाँव

भविष्य नहीं हैं मेरे हाथों में
पर अहिंसा, मानवता, नैतिकता का पाठ
मनुष्य को मनुष्यता,
मानव को मानवता
सिखाती जिंदगी की यह
धूप -छाँव
*****
खुद से ही दूर हुई मैं
ढूंढती अपना आईना और अक्स रही

खो गया था हवा और धूप छाँव में
नीले बादलों में, सागर के जल में,
और जिंदगी के शोर में

मैं भी हूँ, नहीं था होश
जिंदगी की फिज़ा में
दिन लगा पंख उड़ते रहे
हो गई हूँ दूर,
सबकी ख़ुशी के लिए
सबको खुश करने के लिए

नहीं देखा दिन को दिन
नहीं सोचा रातों में
नहीं सुना जिंदगी के शोर को
लौट क़र आज आई हूँ मैं

इस धूप छाँव में मुद्द्ते हो गई
खुद से बतियाएं हुए
हटा ध्यान धूप छाँव से
बन सूर्य आई हूँ
फिर से ऊर्जा लाई हूँ
बन प्रकाश छा जाने को

ऊँची मंजिल छूने को
तुम्हारा साथ लेने को
तुम्हें साथी बनने को
खुद से ही पास आईं हूँ मैं
खुद से ही पास आईं हूँ मैं
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